स्वतंत्रता सेनानी राम मनोहर लोहिया की याद में मीडिया एसोसिएशन फॉर सोशल सर्विस ने किया विचार गोष्ठी का आयोजन
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और देश के पद्म पुरस्कार से सम्मानित हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय डॉ राम मनोहर लोहिया ने अपना पूरा जीवन समाज के दबे पिछड़े लोगों के उत्थान में लगा दिया। उन्होंने समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया। उनका सपना था कि समाज के आखिरी व्यक्ति तक रोटी, कपड़ा और मकान उपलब्ध हो। गरीब, किसान को उसका हक मिले। पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुम देवनारायण यादव 12 अक्टूबर को समाजवादी चिंतक महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी के निकट के सहयोगी और राष्ट्रवादी नेता डॉ राम मनोहर लोहिया को याद करते हुए बोल रहे थे। लोहिया जी का निधन 12 अक्टूबर 1967 को विजयादशमी के दिन हुआ था। हुकुमदेव नारायण यादव के सानिध्य में स्वर्गीय लोहिया जी को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब दिल्ली में लोगों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। हुकुमदेव नारायण यादव स्वर्गीय लोहिया जी की याद में मीडिया एसोसिएशन फॉर सोशल सर्विस द्धारा आत्मनिर्भर भारत; राष्ट्र का पुनर्निर्माण दशा और दिशा विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया एसोसिएशन फॉर सोशल सर्विस के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा ने की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार कल्याणकारी योजनाओं के जरिए स्वर्गीय लोहिया जी के सपने को साकार कर रही है। देश के सामने चुनौतियां भी हैं समस्या भी हैं लेकिन लोहिया जी का चिंतन इन समस्याओं के निराकरण के लिए हमें प्रेरणा देता है। उन्होंने ने भारत में विनिर्माण का काम बड़ी संख्या में लोगों द्वारा किये जाने की जरूरत पर बल देते हुए समाजवादी चिंतक दिवंगत डॉ राम मनोहर लोहिया के उस समय के इस आग्रह का उल्लेख किया कि विदेश से बड़ी बड़ी मशीनें मंगानी हो तो मगायी जाये पर उसके साथ साथ तकनीक भी मंगाई जायें। विदेश से मंगायी गयी मशीन का रूपांतरण कर छोटी छोटी मशीन बनायी जाये ताकि उन रुपांतरित मशीनों को बड़ी संख्या में लोगों के हाथ में पहुंचा कर बड़ा उत्पादन किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोहिया जी का यह विचार गांधी जी के ग्राम स्वराज और चरखा आंदोलन का समय के अनुसार आधुनिकीकरण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास को विरासत से जोड़ने पर बल देते हैं जो पुरातन को नित नूतन बनाते रहने की हमारी सनातन परंपरा के अनुरूप है।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी स्वण् राम मनोहर लोहिया जी ने देश के निर्माण का जो दिशा दी उसी रास्ते पर चलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री हुकुमदेव नारायण यादव ने सड़क से संसद तक गांव गरीब किसान और वंचितों के हक की आवाज को बुलंद किया। भारतीय राजनीतिज्ञ व कर्मठ कार्यकर्त्ता के रूप में डॉ लोहिया ने समाजवादी राजनीति और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई।उन्होंने अपना अधिकांश जीवन भारतीय समाजवाद के विकास के माध्यम से अन्याय के खिलाफ़ लड़ने के लिये समर्पित किया।लोहिया ने ऐसी पांच प्रकार की असमानताओं को चिह्नित किया जिनसे एक साथ लड़ने की आवश्यकता है। स्त्री और पुरुष के बीच असमानता, त्वचा के रंग के आधार पर असमानता ,जाति आधारित असमानता, कुछ देशों द्वारा दूसरे देशों पर औपनिवेशिक शासन,आर्थिक असमानता।
वरिष्ठ पत्रकार मनोहर सिंह ने कहा कि भगवान ने राम ने मर्यादा का संदेश दिया और स्वतंत्रता सेनानी राम मनोहर लोहिया ने भी मर्यादा के साथ राजनीति और जीवन जीने का संदेश दिया। उन्होंने एक पार्टी नेता के तौर पर विभिन्न सामाजिक.राजनीतिक सुधारों की वकालत की जिसमें जाति व्यवस्था का उन्मूलन भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी को मान्यता और नागरिक स्वतंत्रता का मज़बूती से संरक्षण शामिल है। लोहिया जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अर्थ ब्वॉय इको फ्रेंडली आरओ के अविष्कारक शैलेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि उनका मकसद पानी बचाना और हर किसी स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले ग्रीन मैन के नाम से विख्यात पर्यावरणविद् ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष विजयपाल बघेल गैर सरकारी संगठन वाटर डाइजेस्ट की उपाध्यक्ष नेहा और उद्यमी तेजवीर सिंह भाटी आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर हुकुम देव नारायण यादव ने स्टार्टअप अर्थब्वॉय इको फ्रेंडली आरओ सिस्टम्स प्रा लि द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लिये बिना बिजली से चलने वाले एक आरओ संयंत्र का लोकार्पण किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के लिए निर्मित अर्थ ब्वॉय इको फ्रेंडली जल शोधन मशीन के आविष्कारक शैलेंद्र सिंह चौहान को बधाई देते हुए कहा कि जल है तो जीवन है। इस दिशा में किया जा रहा कार्य अमूल्य है।
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